
रायपुर। छत्तीसगढ़ में बर्खास्त बीएड सहायक शिक्षकों ने रायपुर के तेलीबांधा में चक्काजाम कर दिया है। नौकरी से निकाले गए सहायक शिक्षक सड़क पर परिजनों के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं। मरीन ड्राइव के सामने की सडक पर बैठकर इस समय बर्खास्त शिक्षकों ने धरना दे दिया है। सहायक शिक्षकों के साथ बडी संख्या में उनके परिजन भी पहुंचे हैं। हालात को देखते हुए पुलिस बल भी यहां तैनात है। और समझाइश की कोशिशें जारी है। लेकिन इस इलाके में लंबा जाम लगा हुआ है। 18 जनवरी की सुबह बर्खास्त शिक्षकों ने मंत्री ओपी चौधरी के बंगले का घेराव कर दिया था।
समायोजन की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन आंदोलन पर बैठे शिक्षक सुबह 5 बजे अचानक मंत्री के बंगले पहुंचे और यहां गेट के बाहर बैठकर नारेबाजी शुरू कर दी। काफी देर तक समझाइश के बाद जब प्रदर्शनकारी नहीं उठे तब पुलिस ने जबरदस्ती उन्हें हटाया और प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया। बर्खास्त बीएड सहायक शिक्षकों का प्रदर्शन नवा रायपुर के तूता धरना स्थल में चल रहा है। नौकरी से निकाले गए इन शिक्षकों के समर्थन में अलग-अलग कर्मचारी संगठनों के अलावा कांग्रेस नेता भी पहुंच रहे हैं। 17 जनवरी को छत्तीसगढ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष दीपक बैज और पूर्व अध्यक्ष धनेन्द्र साहू भी भी मौजूद रहे। इस दौरान महिला सहायक शिक्षकों ने बैज को राखी बांधी।
इस दौरान बैज ने कहा कि कांग्रेस सहायक शिक्षकों की मांगों का पूरा समर्थन करती है। सरकार का दायित्व है कि सेवाएं सुरक्षित रखी जाएं। उन्होंने कहा कि सरकार चाहे तो रास्ता निकाल सकती है। बैज बोले कि नौकरी से सीधे हटा देना पूरी तरह गलत है। राज्य में शिक्षकों के हजारों पद खाली हैं, फिर भी सहायक शिक्षकों को बाहर करना गलत है। आप को बता दें कि 2 जनवरी को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी धरना स्थल पहुंचे थे। बीजेपी कार्यालय घेरने गए 30 सहायक शिक्षकों की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए। उन्होंने कहा था कि जो 30 सहायक शिक्षक जेल में हैं, उनके साथ के लिए हम सब जेल जाएंगे। डरने की कोई बात नहीं है। आजादी की लडाई भी जेल से हुई थी। उन्होंने कहा कि एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस के छात्र भी बर्खास्त शिक्षकों के साथ आंदोलन पर बैठेंगे।