कोरोना वायरस: हवा में फैलने लेकर आई चौंकाने वाली रिपोर्ट

नईदिल्ली (Fourth Eye News) हर किसी के मन में फिलहाल कोरना वायरस (कोविड-19) का डर समाया हुआ है, और कोरोना वायरस किन तरीकों से फैल सकता है इसके बारे में जानना बेहद जरूरी है. अब यह हवा से फैल सकता है या नहीं इसके बारे में वैज्ञानिकों ने शोध किया है.
वैज्ञानिकों ने नतीजा निकाला है कि यह वायरस तीन घंटे तक हवा में जीवित रह सकता है। ऐसे में यह भी नतीजा निकाला गया कि हवा के जरिये यह दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है । लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) इस बात को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त नहीं है। हाल में हुए कुछ नए अध्ययनों के आधार पर संगठन का मानना है कि यह हवा से नहीं फैलता । लेकिन उसने पूर्व के अपने दिशा-निर्देशों में अभी किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया है। अलबत्ता, कोविड मरीज के कमरे में इस वायरस की पहचान के लिए नये सिरे से अध्ययन की सिफारिश की है।
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इसमें डब्ल्यूएचओ ने दो-तीन बातें साफ की हैं। एक, छींक या खांसने के दौरान ड्रापलेट (छोटी बूंद) से एक मीटर के दायरे में खड़े व्यक्ति को संक्रमण हो सकता है। ड्रापलेट का आकार 5-10 क्यूबिक मीटर होता है। ऐसे संक्रमण को हवा से फैलना नहीं कहते हैं। यदि ड्रापलेट का आकार पांच क्यूबिक मीटर से कम हो तो वह वायु कण कहा जाएगा जिससे होने वाले संक्रमण को हवा से होने वाला संक्रमण कहा जाएगा।
Many people are making great sacrifices to #StayHome & protect their health & that of others from #COVID19.
Here some ideas to stay healthy:
🏃♀️Be active
🥕Eat healthy
🚭Don’t smoke
🧘♀️Meditate
📚Read booksJoin the new @WHO challenge & show us what you do to be #HealthyAtHome! pic.twitter.com/f9adab39Ci
— World Health Organization (WHO) (@WHO) April 2, 2020
आपको बता दें कि कोविड के हवा में फैलने को लेकर करीब 10 महत्वपूर्ण अध्ययन अब तक सामने आ चुके हैं। डब्ल्यूएचओ इनकी निगरानी कर रहा है। इन अध्ययनों के आधार पर हाल में डब्ल्यूएचओ ने एक वैज्ञानिक शोधपत्र जारी किया है जो न्यू इग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित हुआ है। पूर्व में चीन में 75,465 लोगों पर हुए अध्ययन में भी दावा किया गया था कि बीमारी हवा से नहीं फैलती है।