कोलकाता : बाबुल सुप्रियो ने की राजनीति से संन्यास की पेशकश, पीएम मोदी ने रोका

कोलकता : पश्चिम बंगाल के आसनसोल में रामनवमी के बाद भडक़ी सांप्रदायिक हिंसा के बाद स्थानीय सांसद और केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने अपने पद से इस्तीफा देने और राजनीति से संन्यास लेने की पेशकश की थी। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सलाह के बाद उन्होंने अपना मन बदल लिया।
बाबुल सुप्रियो ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने उन्हें संन्यास लेने की बजाय तुष्टीकरण को बढ़ावा देने वाली पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार से मुकाबला करने की सलाह दी थी।
सुप्रियो ने सोमवार को सिलसिलेवार तरीके से किए कई ट्वीट में पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा, ममता बनर्जी किसी भी तरह से सत्ता में बने रहना चाहती हैं। तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता चाहते हैं कि पश्चिम बंगाल में विपक्ष रहे ही नहीं। मुंबई और दिल्ली में मैं बहुत अच्छा जीवन बिता रहा था लेकिन राजनीति में आने के बाद यहां मुझे घृणा की राजनीति, मानवता की बजाय अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक का सामना करना पड़ रहा है। इसने मुझे गहरी निराशा में डाल दिया।
उन्होंने कहा, मैं जानता हूं कि मैं एक नोबेल मिशन के लिए काम कर रहा हूं। संगीत के कारण कई मुस्लिम मेरे मित्र बने जो इस बात से सहमत हैं कि ममता बनर्जी के तुष्टीकरण की राजनीति ने समाज में काफी गहराई तक बंटवारा कर दिया है। मुस्लिम और हिंदू दोनों ही आग से खेल रहे हैं। हम-तुम फिल्म के टाइटल सांग के लिए गलत तरीके से फिल्म फेयर नहीं दिए जाने पर मैं दो बार अजमेर शरीफ गया था। इसे भी इसलिए अब सांप्रदायिक बताया जा रहा है क्योंकि वह तुष्टीकरण की राजनीति के खिलाफ खड़े हुए हैं। मुझे हिंदुओं के लिए लडऩे वाला बताया जा रहा है।
ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती के लिए रिकॉर्ड किए कई ऐल्बम
केंद्रीय मंत्री ने कहा, यह मुझे अंदर से शक्तिहीन बना रहा है। मैंने अपने पूरे जीवन में इतनी घृणा का सामना नहीं किया। मैंने ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती, ख्वाजा निजामुद्दीन औलिया के लिए कम से कम 10 ऐल्बम रिकॉर्ड किए हैं। सोशल मीडिया में मेरे साथ बहुत घटिया व्यवहार किया जा रहा है। जमीनी स्थिति की बात करें तो अभी पक्षपात जारी है। टीएमसी के कार्यकर्ता पुलिस की तरह से व्यवहार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, टीएमसी कार्यकर्ताओं का यह व्यवहार आग को और भडक़ा रहा है। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के सत्ता में आने से पहले तक हिंदू और मुस्लिम मिलजुलकर रहते थे लेकिन दीदी की मंशा फूट डालो, राज करो की है। इन सब चीजों ने मुझे व्यथित कर दिया। मैंने आसनसोल हिंसा के बाद पीएम मोदी से मुलाकात की और पद से इस्तीफा देने और राजनीति से सन्यास लेने की पेशकश की।
सुप्रियो ने कहा, पीएम मोदी ने उन्हें संन्यास लेने की बजाय लड़ाई जारी रखने की सलाह दी। मुझे प्रेरित किया कि मैं मुकाबला करुं, भागूं नहीं। आज भी मैं घृणा की राजनीति से संघर्ष कर रहा हूं तो इसकी वजह पीएम मोदी की प्रेरणा है। पीएम मोदी ने मुझसे कहा कि संघर्ष जारी रखो, जीत तुम्हारी होगी जैसे कि उन्हें गुजरात में मिली। मैं अब ममता बनर्जी सरकार और टीएमसी के गुंडों के खिलाफ संघर्ष जारी रखूंगा।