अधिकारियों की साठ-गांठ से मनमानी कर रही पंचायतें जिम्मेदार कौन?

गंजबासौदा : क्षेत्र की ग्राम पंचायत महागौर के ग्रामीण शासन की जनहितैसी योजनाओं के लिए दरबतर की ठोकर खा रहे हैं और उनको लाभ केवल इसलिए नहीं मिल रहा क्योंकि ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच कहते हैं कि महागौर गांव के ग्रामीणों ने उन्हें वोट नहीं दिया इसलिये शासन की जनहितैसी योजना प्रधानमंत्री आवास , सौचालय योजना , नल जल योजना समेत नाली ,सड़क के साथ साथ बून्द बून्द पानी के लिए ग्रामीणों को कोषों दूर भटकना पड़ता है और सरपंच सचिव केवल अपनी मनमानी ओर अपने निजस्वार्थ के चलते ग्रामीणों पर कोई ध्यान नहीं है
साथ पंचायत द्वारा शासन की जनहितैसी गौ शाला योजना में भी भट्टा लगा दिया गया है क्योंकि ग्राम पंचायत के सचिव रीतेश राय ने बताया कि सरपंच साहब ने गौ शाला ठेका दे दिया है अब ठेका किसे दिया और कितने में दिया यह पता नहीं है जबकि पंचायत स्वम् निर्माण एजेंसी होती है और गौ शाला का निर्माण मनरेगा के अंतर्गत स्थानीय पंचायत के निवासियों मजदूरों द्वारा ही करवाना था जिससे कोरोना संक्रमण के समय जिन प्रवासी मजदूरों और पंचायत के स्थानीय मजदूरों की रोजी रोटी छिन गई थी उन्हें वापिस रोजगार देने के लिए मनरेगा योजना के अंतर्गत कार्य करवा कर रोजगार मुहैया कराना था लेकिन पूरी की पूरी पंचायत और सब योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई !
गौ शाला का निर्माण के लिए दिया ठेका
सरपंच ने गौ शाला निर्माण के लिए पंचायत के बाहर के व्यक्ति को ठेका दे दिया और हद की बात यह है कि ठेकेदार ने बताया कि उसने गौ शाला के निर्माण का ठेका सम्पूर्ण मटेरियल सहित 28 लाख रुपये में लिया है ठेकेदार ने स्पष्ट कहा कि उसके गौ शाला का निर्माण जेसीबी मशीनों द्वारा कराया गया है जबकि गौ शाला का निर्माण मनरेगा के अंतर्गत मजदूरों से कराना था और जिसकी अनुमानित लागत करीब 37 लाख है और निर्माण ऐजेंसी स्वम् पंचायत है और निर्माण कार्य का ठेका दे दिया गया है ठेकेदार ने यह भी बताया कि तीन माह से गौ शाला का निर्माण चल रहा है और प्रतिदिन 10 से 12 मजदूर ही काम करते हैं ग्राम कनीखेड़ी में बन रही गौ शाला का निर्माण करने बाला ठेकेदार स्वम् त्योंदा क्षेत्र का रहने बाला है ऐसे में आप इस बात की गंभीरता समझ सकते हैं कि पूरा मामला अधिकारियों और पंचायत के सचिव और सरपंच की मिलीभगत से ही चल रहा है |
78 में से सिर्फ 6 मजदूर ही मिले मौके पर
ग्राम पंचायत महागौर के भ्रमण पर पहुंची टीम ने कई अनमित्ताये देखी पोर्टल के अनुसार पंचायत में आज मनरेगा योजना के अंतर्गत 78 मजदूर काम कर रहे थे लेकिन जब मीडिया की टीम वहां पहुंची तब सचिव ने बताया कि इस समय केवल गौ शाला का निर्माण कार्य पंचायत में चल रहा है जिसमे 45 मजदूर आज काम पर लगे हैं लेकिन जब मौके पर जाकर देखा तो केवल 6 मजदूर ही मौके पर मिले और वह भी त्योंदा के ठेकेदार के मजदूर थे |
4 माह पूर्व पूर्ण हुये निर्माण कार्य मे भी चल रहे मस्टर
सरपंच सचिव के साथ साथ पूरे गांव के लोगों ने बताया कि महागौर में बनी नाली कई महीने पहले ही बन चुकी है पर पंचायत की धांधली यह है कि आज भी उस नाली में निर्माण कार्य के लिए मनरेगा के फर्जी मजदूर लगाए गए हैं |
ना सौचालय ना ही प्रधानमंत्री आवास मिला ग्रामीणों को खुले में शौच के लिए मजदूर ग्रामीण
महागौर गांव के कई नागरिकों महिलाओं ने बताया कि उन्हें प्रधानमंत्री आवास ओर सौचालय योजना का लाभ नहीं मिला और वह खुले में शौच के लिए मजबुर हैं ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें जन हितैसी योजना का लाभ केवल इसलिए नहीं मिल रहा क्योंकि सरपंच दूसरे गांव के हैं और सरपंच साहब कहते हैं कि तुम लोगों ने मुझे वोट नहीं दिया इसलिये योजना का लाभ नहीं मिलेगा
इनका कहना है “आपके द्वारा पूरे मामले को संज्ञान में लाया गया है में स्वम् जांच कराउंगा ओर अगर कोई दोषी होगा तो उस पर कड़ी कार्यवाही की जायेगी |”
राजेश मेहता, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व
आपने मनरेगा योजना में मजदूरों की गड़बड़ी की जानकारी दी है जिसकी जांच की जाएगी और दोषियों पर कार्यवाही की जायेगी |.
प्रमोद ठाकुर, मनरेगा अधिकारी, जनपद पंचायत बासौदा,
शासन की जन हितेषी योजनाओं के होने के बावजूद दरबदर भटक रहे बेरोजगारों को नहीं रोजगार
अधिकारियों और सरपंच-सचिव की मिली भगत से चल रहा ग्राम पंचायत में फर्जीवाड़ा
वोट नहीं दिया तुम लोगों ने मुझे इसलिए नहीं मिलेगा किसी भी योजना का लाभ
स्थानीय मजदूरों की रोजी-रोटी गई छिन्