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विश्व मजदूर दिवस के अवसर पर सभी मजदूर साथियों को मोहन मरकाम ने दी बधाई

रायपुर, (fourth eye news) विश्व मजदूर दिवस में सभी मजदूर साथियों को बधाई देते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि आज करोना संक्रमण की विकट स्थिति के बावजूद मुख्यमंत्री बघेल की छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार मजदूरों के साथ खड़ी है और उनके लिए काम कर रही है।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि करोना एक संक्रामक बीमारी है। विश्व की वर्तमान स्थिति देश की स्थिति और देश के अनेक राज्यों की स्थिति भयावह है। मरकाम ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार ने देश से पहले करोना पर नियंत्रण का काम जन जन के सहयोग से किया है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी के लोग मोर्चा संगठनों के लोग सरकार के कंधे से कंधा मिलाकर जन-जन की और खासकर गरीब मजदूर अशक्त जन की मदद करने में लगे हुए है।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि शुरू में रायपुर दुर्ग राजनांदगांव कोरबा जैसे बड़े शहरों में करोना संक्रमण के मामले सामने आए । सरकार ने प्रशासन ने पुलिस ने और स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल प्रभावी नियंत्रण किया और आज यह बड़े महानगर करोना के संक्रमण से मुक्त हैं।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि कोरबा जिले में कटघोरा में करोना संक्रमण ने तेजी से फैलना शुरू किया था। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा उठाए गए प्रभावी और कड़े कदमों के बाद प्रशासन पुलिस स्वास्थ्य विभाग ने करोना पर कटघोरा में प्रभावी अंकुश लगाने में सफलता प्राप्त की अब कोरबा जिला और कटघोरा संक्रमण से मुक्त हो चुका है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि एक चिकित्सा अधिकारी करोना संक्रमित मरीजों का इलाज करते हुए खुद संक्रमण का शिकार हो गया। झारखंड के प्रवासी मजदूर सूरजपुर में क्वेरेंटाइम किए गए थे उनमें से तीन करोना संक्रमण से प्रभावित पाए गए हैं और उनका भी इलाज चल रहा है।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के हर व्यक्ति की चिंता छत्तीसगढ़ सरकार को और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को है । गरीब मजदूर असहाय निशक्त जंगलों में रहने वाले रोज कमाने रोज खाने वाले लोग कांग्रेस की प्राथमिकता में है।

लॉक डाउन के बावजूद छत्तीसगढ़ में गरीबों के लिए मजदूरों के लिए जंगल में वनोपज इकट्ठा करने वालों के लिए सरकार लगातार काम कर रही है।जंगल में वनोपज संग्रहण करने वालों का ध्यान छत्तीसगढ़ सरकार ने रखा है। ट्रायफेड Tribal Cooperative Marketing Development Federation of India द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में अभी तक 18 करोड़ 63 लाख से अधिक मूल्य की लघु वनोपज की खरीद की जा चुकी है। यह पैसा सीधे-सीधे आदिवासियों और गांव में जंगल म्रइन हने वालों के पास पहुंचा है।

देश में अभी तक कुल 18 करोड़ 67 लाख 26 हजार रुपए की लघु वनोपज की खरीद की गई है।

झारखंड में ₹3 लाख 39 हजारऔर उड़ीसा में ₹5 हजार की लघु वनोपज की खरीद की गई है।

लघु वनोपज की खरीद का यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है।

वनोपज संग्रहण के इस सीजन में 1 लाख 32 हजार 272 संग्राहकों से 21 करोड़ रुपये की लघु वनोपज का संग्रहण किया जा चुका है करोना लॉक डाउन के कारण संकट की इस घड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लघु वनोपज की समर्थन मूल्य पर खरीदी और नगद भुगतान से जंगलों में रहने वाले आदिवासियों और ग्रामीणों को राहत मिली है। वनोपज के संग्रहण के काम के कारण खासकर आदिवासी इलाकों में रहने वालों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ गए हैं।

छत्तीसगढ़ सरकार ने लगातार छत्तीसगढ़ में मनरेगा के काम खोले जाने के लिए राशि जारी करने की बात कहीं लेकिन केंद्र सरकार ने नए काम खोलने की बात तो दूर पुरानी बजाय राशि भी नहीं जारी की। पुराने बकाया में से और नए कामों के लिए कुछ राशि जारी की गई है जिसका छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और ग्रामीण विकास मंत्री टी एस सिंह देव की देखरेख में लगातार समुचित उपयोग किया जा रहा है और वर्तमान में छत्तीसगढ़ देश में कुल मजदूरों की संख्या के 24% अर्थात 1850000 मजदूरों को प्रतिदिन काम देकर देश का अग्रणी राज्य बन गया है।

छत्तीसगढ़ के बाद झारखंड और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य हैं यहां छत्तीसगढ़ से आधे मजदूरों को भी काम नहीं दिया जा सका।लेकिन जो मजदूर कमाने खाने चले गए वह करोना संकट के बाद लाक डाउन में बुरी तरह से फस गए हैं। भारतीय रेल देश की जीवन रेखा है।जिस तरह से पहले ट्रेनें बंद की गई और उसके बाद लॉक डाउन किया गया उससे मजदूर बहुत कठिनाई में हैं। करोना महामारी और लॉक डाउन के कारण छत्तीसगढ़ से बाहर गए प्रवासी मजदूर रोजी रोजगार के संकट अपने पास की गाढ़ी पूंजी समाप्त हो जाने और खाने रहने और चिकित्सा की कठिनाइयों से जूझ रहे हैं। काम धंधा भी बंद हो चुका है और खर्चे बदस्तूर जारी है। मजदूरों को परेशानियां उठानी पड़ रही है।

छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने प्रवासी मजदूरों की तकलीफों को दूर करने के लिए एक हेल्प डेस्क का गठन किया जहां से उनको संबंधित राज्य सरकारों के माध्यम से स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से मदद पहुंचाई जा रही है।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि प्रवासी मजदूरों की संख्या को देखते हुए यह बहुत बड़ा काम है और इस काम में छत्तीसगढ़ सरकार के अधिकारी लगातार लगे हुए है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि अब जब बाहर काम धंधा भी बंद हो गया है और मजदूरों की पूंजी भी खत्म हो गई है और खाने रहने और चिकित्सा की परेशानियां हो रही हैं और छत्तीसगढ़ में खेती-किसानी का समय भी नजदीक है इसे देखते हुए इन लाखों मजदूरों को जम्मू कश्मीर से लेकर तमिलनाडु तक जो फसे हुए हैं वापस लाना इन्हें क्वॉरेंटाइन करना और इन्हें इनके गांव तक सुरक्षित पहुंचाना बहुत बड़ी आवश्यकता है।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ साथ AICC के छत्तीसगढ़ प्रभारी श्री पी एल पुनिया और छत्तीसगढ़ के सभी 5 कांग्रेस सांसदों 2 लोकसभा और 3 राज्यसभा सदस्यों ने छत्तीसगढ़ से कमाने खाने बाहर गये प्रवासी मजदूरों की समस्या को न केवल महसूस किया है बल्कि इसके लिए प्रभावी पहल भी की है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वीडियो कांफ्रेंसिंग पर चर्चा में इन मजदूरों की समस्या को सामने रखा है और इनके लिए विशेष ट्रेन चला कर इन्हें राज्य में वापस लाने की बात की है।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि कोटा में पढ़ने वाले 29 छात्र अपने संसाधनों से छत्तीसगढ़ की सीमा पर पहुंच गए थे और इन सभी छात्रों को क्वेरेंटाइन करने के बाद करोना मुक्त पाए जाने के बाद उनके परिवार जनों को सौंप दिया गया है।

छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्र सरकार के समक्ष पहल करके अपने संसाधनों से पूरी चिकित्सा व्यवस्था के साथ 100 बसें भेज कर कोटा से 2000 से अधिक छात्रों को लाकर छत्तीसगढ़ में क्वेरेन्टाइन किया है और 14 दिन की अवधि बीत जाने के बाद समिति यहां करके इन बच्चों को उनके पालकों को सौंप दिया जायेगा। यह क्रम अभी भी जारी है और कुछ बसें कोटा से छात्रों को लेकर छत्तीसगढ़ के रास्ते में है।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि करोना के कारण लाकडाउन में फंसे छत्तीसगढ़ के अन्य छात्र और मजदूर छत्तीसगढ़ सरकार की प्राथमिकता में है और उनके लिए लगातार पहल की जा रही है।

 

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