छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने बिलासपुर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की. विभिन्न मामलों में राज्य सरकार द्वारा गठित की गई स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) के खिलाफ नेता प्रपितक्ष कौशिक हाई कोर्ट की शरण में पहुंचे हैं. कौशिक ने एसआईटी की कार्रवाई पर रोक लगाने की अपील कोर्ट से की है. इसके बाद से सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर है. भाजपा पहले ही बदलापुर की राजनीति का आरोप कांग्रेस सरकार पर लगाती रही है.
बता दें कि 15 साल बाद प्रदेश में सत्ता में आई कांग्रेस ने झीरम नरसंहार, नागरिक आपूर्ति निगम घोटाला, अंतागढ़ टेपकांड मामले में नए सिरे से जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है. एसआईटी जांच में पिछली सरकार में सत्ता के करीब माने जाने वाले कई अफसर सहित नेता भी जांच के दायरे में आ रहे हैं. कथित 36 हजार करोड़ के नान घोटाला मामले में आईपीएस मुकेश गुप्ता और रजनेश सिंह को निलंबित भी कर दिया गया है. उनके खिलाफ दो-दो एफआईआर दर्ज की गई है.
इसी तरह अंतागढ़ टेपकांड मामले में नए सिरे से जांच के लिए एसआईटी गठन के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, उनके बेटे अमित जोगी, पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह के दामाद डॉ. पुनीत गुप्ता, मंतूराम पवांर व पूर्व मंत्री राजेश मूणत के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. भाजपा के नेता बार बार कह रहे हैं कि कांग्रेस सरकार बदलापुर की राजनीति कर रही है. जबकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कहते हैं कि ये बदलावपुर की राजनीति है.