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रायपुर : अपराध और अपराधियों के सामने रमन सरकार बेबस – कांग्रेस

रायपुर : मुख्यमंत्री रमन सिंह द्वारा दिये गये वक्तव्य ‘‘अपराध होने पर लगता है मैं ही पहला शिकार’’ पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने पूछा है कि डॉ. रमन सिंह बतायें कि प्रदेश में 5 बड़े मामलों में जब जनता अपराधों का शिकार बनी तब उन्हें यह बोध हुआ था या नहीं हुआ था?

मुख्यमंत्री रमन सिंह द्वारा दिये गये वक्तव्य ‘‘अपराध होने पर लगता है

1 36000 करोड़ का नान घोटाला।
2 प्रियदर्शनी बैंक घोटाला।
3 अगस्ता हेलिकाप्टर टेंडर घोटाला।
4 पनामा पेपर में अभिषाक सिंह का नाम और मुख्यमंत्री के घर के पते पर ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड में बेनामी कंपनी और खाता।
5 तेंदूपत्ता घोटाला।

36000 करोड़ का नान घोटाला

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा कि प्रदेश में 14 वर्ष से डॉ. रमन सिंह पर कानून की रक्षा करने संवैधानिक जवाबदारी रही है। मुख्यमंत्री का यह बयान अपराधियों के सामने बेबस और लाचार रमन सरकार की स्वीकारोक्ति हैं। रमन सिंह प्रदेश में हुये अपराधों का पहला शिकार खुद को बताकर झूठी संवेदना और सहानुभूति बटोरने का काम कर रहे है।

मुख्यमंत्री का यह बयान अपराधियों के सामने बेबस और लाचार रमन सरकार की स्वीकारोक्ति हैं

राज्य की जनता ने उन्हें मुख्यमंत्री उनकी बेबसी और लाचारगी का प्रदर्शन करने के लिये नहीं बनाया है। 14 वर्षो तक अपराध और अपराधियों पर नियंत्रण नहीं कर पाने और राज्य की जनता को शांतिपूर्ण जीने का माहौल देने में असफल साबित होने के लिये रमन सिंह की यह बात बेहद दुखद और दुर्भाग्यजनक है। अपनी सरकार की विदाई की बेला में रमन सिंह ने अपनी अकर्मण्यता की स्वीकारोक्ति की है।

मुख्यमंत्री उनकी बेबसी और लाचारगी का प्रदर्शन करने के लिये नहीं बनाया है

व्यक्तिगत अपराधों की श्रेणी में छत्तीसगढ़ देश में चौथे नंबर पर है। भारत में राज्यों की घटित संज्ञेय अपराध दर पर एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में प्रति लाख पर 2211 अपराध घटित होते है। एनसीआरबी के अनुसार ही महिलाओं के प्रति एक लाख महिला में छत्तीसगढ़ में महिलाओं के प्रति अपराध की दर 13.2 है जो कि भारत की राष्ट्रीय महिला अत्याचार की औसत दर 7.75 से लगभग दुगुनी है।

एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में प्रति लाख पर 2211 अपराध घटित होते है

बिहार, नागालैंड, झारखंड, गुजरात और पंजाब में भी महिलायें छत्तीसगढ़ से ज्यादा सुरक्षित है। राज्य में मासूम बच्चियों के साथ दुराचार की झलियामारी जैसी घटनायें हुई है। हर रोज बलात्कार की एक और हर दूसरे दिन सामूहिक बलात्कार की घटना होती है। मानव तस्करी में छत्तीसगढ़ पूरे देश में 5वें स्थान पर है। प्रदेश से 27000 महिलायें लापता है। रमन सिंह के 14 साल के कार्यकाल में राज्य में लगभग एक लाख से अधिक अपराधिक घटनायें बलात्कार, हत्या, लूट, चोरी, सामूहिक दुष्कर्म, संगठित अपराध, नक्सल हत्याओं की घटनायें हुई है।

मानव तस्करी में छत्तीसगढ़ पूरे देश में 5वें स्थान पर है

मुख्यमंत्री इन एक लाख से अधिक घटनाओं को यदि अपने खुद को पहला शिकार होने की बात स्वीकार कर रहे है, तो इन वारदातों के बाद भी उन्होने अपराधों को नियंत्रण के लिये कठोर पहल क्यों नहीं की? अपराधियों के अंदर में कानून का भय पैदा करने में उनकी सरकार क्यों असफल साबित हुई? अपनी अक्षमता और नाकारापन स्वीकार करने में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को 14 वर्षो का समय क्यों लगा?

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