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जगदलपुर : बीजापुर में बाढ़ के कहर से 1500 एकड़ फसल बर्बाद, 65 मकान हुए ध्वस्त

जगदलपुर : छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में सप्ताह भर से निंरतर हो रही मूसलाधार बारिश से जहां सुकमा जिले का उड़ीसा से सडक़ संपर्क विच्छेद हो गया है वहीं एवं नदी नालों में उफान के चलते बीजापुर जिला मुख्यालय से अनेक स्थानों का आवागमन ठप हो गया है। बीजापुर जिले में बाढ़ ने भारी तबाही मचायी है। बाढ़ के कहर से जहां 1500 एकड़ फसल बर्बाद हो गयी वहीं, 65 मकान हुए ध्वस्त हो गए हैं।

सुकमा से सटकर बह रही शबरी नली का पानी झापरा पुल से 3 फीट ऊपर बह रहा है, जिससे पुल के दोनों तरफ वाहनों की कतार लग गई है। बाढ़ के चलते जिले की अनेक पंचायतें जिला मुख्यालय से कट गयी हैं। हालात को देखते हुए ऐहतियात बतौर डूबान क्षेत्रों में मौजूद सभी शालाओं में अवकाश घोषित कर दिया गया है। नदी के किनारे बसे ग्रामवासियों को प्रशासन द्वारा सतर्क रहने की हिदायत दी गई है।

हफ्ते भर की बरसात से सुकमा जिले के आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। जिला प्रशासन के अधिकारी पल-पल की खबरें ले रहे हैं। आपदा राहत टीम को भी प्रशासन ने अलर्ट मोड पर रखा है। तहसीलदार और पटवारियों से लगातार खबरें ली जा रही हैं।इधर बीते एक सप्ताह से बीजापुर जिले के भोपालपट्नम इलाके में हुई मूसलाधार बारिश और आई बाढ़ ने क्षेत्र में जमकर तबाही मचाई है।

बाढ़ की चपेट में आकर जहां महिला सहित दो की मौत हो गई, वही दर्जनों मवेशियों के बह जाने, दर्जनों मकानों के ढहने के अलावा पंद्रह सौ एकड़ फसल पूरी तरह तबाह हो गई है। रविवार को बस्तर कमिश्नर केआर देवांगन और कलेक्टर बीजापुर केडी कुंजाम ने बाढग़्रस्त इलाकों का दौरा किया, इस दौरान बाढ़ से हुई क्षति का आंकलन भी किया गया।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार पटनम और मद्देड़ इलाके में बादल के फटने से तीन करोड़ रूपयों की क्षति हुई है। बताया जा रहा है कि बारिश के चलते आए बाढ़ की चपेट में आकर सात सौ पशु बाढ़ में बह गए, जबकि पांच सौ हेक्टेयर फसल भूमि पर रेत के जमा हो जाने से पंद्रह सौ एकड़ फसल को नुकसान पहुंचा है। वहीं इलाके में 65 मकान पूरी तरह ढह गए, जबकि 268 मकानों को भी नुकसान पहुंचा है।

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वहीं इलाके में निर्माणाधीन पुल-पुलियों, सिंचाई के तालाब और भवन भी इस बाढ़ की जद में आकर क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जबकि बाढ़ में बहने के चलते दो लोगों की मौत हो गई, वही दूसरी ओर मद्देड़ से पटनम के बीच करीब डेढ़ सौ मीटर लंबी राष्ट्रीय राजमार्ग भी आधे से ज्यादा बह गया, जिससे आवागमन बाधित हो रहा है.

एसडीएम डीसी बंजारे ने बताया कि बाढ़ से हुए क्षति का संपूर्ण आंकलन कर लिया गया है। पोटाकेबिन पेगड़ापल्ली में भवन, शौचालय, शयन सामग्री व पठन सामग्री 40 लाख, पुल-पुलिया 50 लाख, सिंचाई तालाब 50 लाख, फसल क्षति 60 लाख, पशु क्षति जिसमें छह सौ गाय-बैल, तीस भेड़, साठ बकरी 21 लाख, 65 मकान 72 लाख की क्षति हुई है। कुछ क्षति 3 करोड़ का अनुमान का आंकलन किया गया है।

वहीं बाढ़ से क्षतिग्रस्त पेगड़ापल्ली पोटाकेबिन के 273 बच्चों को सेंडापल्ली पोटाकेबिन में शिफ्ट कर दिया गया है, जहां उनके लिए मेडिकल कैम्प लगाकर स्वास्थ्य जांच भी किया जा रहा है।

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