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चश्मा नहीं दिया न्यूज पढ़ने, अंशुमान शर्मा पर एक और मीडियकर्मी के करियर की बलि लेने का आरोप

रायपुर:  आईबीसी24 के आउटपुट हेड अंशुमान शर्मा पर एक बार फिर मीडियाकर्मी के मानसिक शोषण और करियर खराब करने का आरोप लगा है, ये आरोप हाल ही में आईबीसी24 से इस्तीफा देने वाली फीमेल एंकर ने लगाया है, 4rtheyenews बात करते हुए इस मीडियाकर्मी ने बताया है कि उन्होने बतौर एंकर आईबीसी24 ज्वाइन किया था, लेकिन यहां लंबे समय से अंशुमान शर्मा द्वारा उनका मानसिक शोषण किया जा रहा था और सभी तरह का काम करने के बावजूद वो आउटपुट हेड अंशुमान शर्मा की चहेती नहीं बन सकी, लिहाजा वक्त-वक्त पर अंशुमान शर्मा उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित करते रहे, यही नहीं करीब तीन महीने पहले वो जब छुट्टी से वापस आई तो उसे अचानक ऑफ एयर कर दिया गया, और पूछने पर ठीक वजह भी नहीं बताई गई.

परेशान होकर किया मैनेजमेंट को मेल

बात जब बर्दाश्त से बाहर हो गई, उसने मैनेजमेंट को एक मेल किया, जिसमें उसने पूरी कहानी बयां की, लेकिन प्रबंधन को मेल करने के बाद तो उसकी मुसीबतें और भी बढ़ती चलीं गईं, उससे कई तरह के दूसरे काम करवाए जाने लगे, जिनके लिए चैनल में उसकी ज्वाइनिंग नहीं हुई थी,  उसका का आरोप है मेल करने के बाद आउटपुट हेड अंशुमान शर्मा इस कोशिश में लग गए, कि वो खुद ही जॉब छोड़ दे, क्योंकि सभी तरह के काम करने के बावजूद उसे बार-बार खुद को प्रूफ करने के लिए कहा जा रहा था, जबकि उसने प्रबंधन को अपने काम का रिव्यू किसी दूसरे सीनियर से कराने तक की बात तक कही, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, आखिरकार जब मानसिक प्रताड़ना की हद हो गई, तो उसे मजबूर होकर अपना इस्तीफा देना पड़ा ।

चश्मा पहनकर न्यूज पढ़ने की नहीं दी इजाजत

एंकर ने बताया कि उसे कांटेक्ट लेंस से इंफेक्शन हो जाता है, लिहाजा उसने कई बार चश्मा पहनकर न्यूज पढ़ने की इजाजत अंशुमान शर्मा से मांगी, लेकिन उन्होने देने से इंकार कर दिया, जिसकी वजह से उसे बिना चश्मा पहने ही न्यूज पढ़नी पड़ती थी ।

हमने पूछा, पर मैनेजमेंट ने नहीं दिया जवाब

 

वहीं इस मामले में हमने आईबीसी24 के एचआर विभाग से भी व्हाटप के द्वारा संपर्क कर उनकी प्रतिक्रिया जाननी चाही, लेकिन 24 घंटे से ज्यादा तक इंतजार करने के बाद भी उनकी तरफ से किसी तरह का जवाब नहीं आया ।

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लंबी है अंशुमान शर्मा पर आरोप लगाने वालों की लिस्ट

 

आपको बता दें कि, आईबीसी24 के आउटपुट हेड अंशुमान शर्मा के खिलाफ, आरोप लगाकर पहली बार किसी एंप्लॉई ने इस्तीफा नहीं दिया है, इससे पहले भी कई लोग अंशुमान शर्मा की प्रताड़ना से तंग आकर इस्तीफा दे चुके हैं, या फिर उनसे जबदस्ती इस्तीफा लिखवाया गया है और तो और आईबीसी24 की ग्राफिक्स की पुरानी और होनहार टीम के इस्तीफे का पूरा श्रेय भी आउटपुट हेड अंशुमान शर्मा को ही जाता है ।

नीचे आप वो इस्तीफे भी पढ़ सकते हैं, जिसके बाद आईबीसी24 की पूरी ग्राफिक्स की टीम टूट गई थी । 

 

1)  गोपाल नेगी का इस्तीफा, पढ़िये उसने क्या लिखा था ।

मेरे प्यारे साथियों,

 

आप लोगो के साथ लगभग 5 वर्षो का सफर बहुत अच्छा रहा, कुछ खट्टी मीठी यादों के साथ आज मै आईबीसी परिवार को अलविदा कह रहा हुं, दोस्तो मुझे लगता है कि संस्थान से ज्यादा मेरे लिए परिवार ज्यादा महत्वपुर्ण है इस तरह से अचानक जाना मुझे खराब तो जरुर लग रहा है पर मेरे लिए परिवार से बढ़कर कुछ नहीं, औऱ शायद ये हर किसी पर लागू होता है । पारिवारिक कार्यों की वजह से मुझे घर जाना था पर छुट्टी नही मिलने के कारण मुझे रिजाईन कर के जाना पड़ रहा है। दुनिया बहुत छोटी है किसी न किसी मोड़ पे आपसे फिर मुलाकात होगी।

अलविदा…….

आपका

गोपाल नेगी

 पेमेंट के इंतजार में स्ट्रिंगर्स की खबर भी पढ़े – एमपी सीजी के टॉप थ्री रैंक वाले वाले निजी न्यूज चैनल ने हटाए 13 स्ट्रिंगर्स, न वजह बताई, न अबतक पूरा पेमेंट किया !

2) पहले दिन से एसबी मल्टिमीडिया से जुड़े रहे महेंदर का इस्तीफा भी पढ़ें

आदरणीय सर

मैं महेंद्र सिंह (सीनियर ग्राफ़िक्स डिज़ाइनर) 17 Non 2008 से इस संस्थान से जुड़ा हूं। हमने संस्थान के लिए थोड़ा कुछ और संस्थान ने हमारे लिए बहुत कुछ किया है। अब मुझे अत्यन्त दुःख के साथ कहना पड़ रहा है कि मैं अब इस संस्थान को आगे अपनी सेवाएं नहीं दे पाऊंगा। इसके कुछ कारण है कुछ पारिवारिक और कुछ विभागीय। पारिवारिक कारण मेरे निजी हैं, और विभागीय कारण कुछ हैं जो मैं बताना चाहता हूं, वो शायद विभाग और संस्थान के हित में हो।

विभागीय कारण के केंद्र बिंदु विभाग के HOD अंशुमान जी हैं। उनको काम करने वाला व्यक्ति नहीं बल्कि उनके लिए काम करने वाला व्यक्ति (कृष्णा) ज्यादा पसंद है। वो हमेशा उसी को महत्व देते हैं, उसी से कम्युनिकेशन करते हैं, HOD मीटिंग मे एक ही व्यक्ति (कृष्णा) की सैलरी के बारे मे बात करते हैं और उसी का गुणगान करते हैं, वे उसको कहते हैं कि तुम इस्तीफा दो मै स्वीकार नहीं करूँगा फिर हम HR पर दबाव बनाएँगे। इस प्रकार हम सभी जो संस्थान से शुरुआत से जुड़े हैं, उन सभी का संस्थान से विश्वास उठ गया है। क्योंकि हम सभी ने संस्थान के लिए दिन रात मेहनत की है। उनको विभाग के हम सभी लोग जो ईमानदारी से कार्य करते हैं की बजाय उनकी जी हजूरी करने वाले पसंद हैं।

एक अन्य कारण। उन्होंने गोपाल को कहा कि छुट्टी जाना है तो इस्तीफा दे कर जा सकते हो। परिवार पर आई विपत्ति के कारण उसका जाना जरूरी था। अभी जो गोपाल के साथ उन्होंने किया वो कल को हमारे साथ भी हो सकता है। उनकी वजह से विभाग का मनोबल गिर रहा है। और भी लोग हैं जो अन्य विकल्प तलाश रहे हैं। सभी लोग संस्थान से जुड़े रहना चाहते हैं। आप अभी भी स्थिति को संभाल सकते हैं।

धन्यवाद

महेन्द्र सिंह

 

3) सनंदन ने इस्तीफे में उड़ेल दी थीं पूरी भावनाएं!

आदरणीय एच ओ डी और मित्रों ,

हर चीज की एक लिमिट होती है और अब सहन करने की ताकत ही खत्म हो रही है,काम करने वाले को काम की कभी कमी नहीं होती …मै चाहता तो चुपचाप भी जासकता था लेकिन मैने देखा है कि जो भी लोग गए उनके जाने के बाद ऑफिस में बैठे कुछ एच ओ डी खासकर अंशुमान शर्मा प्रबंधन तक कभी भी सही बात नहीं पहुंचनेदेते हैं…इसीलिए में आप सब से और खासकर अपने इस संस्था के प्रमुख ,मालिक और प्रबंधन से ये सब कह के जाना चाहता हूं…इस ऑफिस के लिए मन में बहुत-बहुतआदर है,यहां यहां काम करने वालों के लिए मन में बहुत सम्मान है। मुझे पता है कि मेरे इस बात से सबसे पहले मुझे संस्था का गद्दार जैसा साबित करने की कोशिशहोगी पर मुझे लगता है यहां एक दिन भी काम किया हुआ व्यक्ति मालिक और संस्था को बहुत मान देता है और देता रहेगा। लेकिन इस संस्था में कुछ लोग खासकरमेरा प्रमुख अंशुमान शऱमा जी इस संस्था की सबसे बड़ी दीमक है जो इस संस्था को ,इसके काम करने वाले ईमानदार लेकिन जो उसके चापलूस नहीं है उसको धीरे-धीरेखोखला कर रहा है। अंशुमान शऱमा की सबसे बड़ी दिक्कत है कि उसने संस्था में कुछ चमचे छोड़ रखे हैं जो कि काम में कमजोर हैं उनकी सबसे बड़ी खासियत हैचमचागिरी और विभागों की जासूसी करना कि कोन कहां कैसे कब क्या कर और कह रहा है और वो उन्हीं की बातों से हर ए्पलॉयी क जज करता है और उससे बद्तरबर्ताव करता है। मैं भी उन्हीं में से एक पीड़ित हूं बस इतना है कि मैं अब ना तो सहन कर सकता हूं और ना ही इतना गया गुजरा हूं कि रोज-रोज इतनी बदतर होती जारही स्तिथी में काम करके अपना टैलेट और वक्त खराब करूं।

सब जानते हैं कि यहां क्या चल रहा है,कुछ चमचे और चंद लड़कियों को इतना ज्यादा प्रमोट किया जाता है कि बाकी काम करने वाले बेचारा सा महसूस कर रहे हैंअंशुमानजी को लगता है ये सब किसी को समझ नहीं आता पर सभी को इतनी समझ और आंखे हैं कि क्या चल रहा है.मेरे ग्राफिक्स में भी उसके चमचे हैं ,सीनियर मैं हूं,काम मैं संभालता हूं,लगातार बीते 3 महीने से अकेला जूझ रहा हूं लेकिन फिर भी अंशुमान कोई काम या कमांड देना हो तो अपने चमचे को फोन करता है , ऐसा क्यूं,एकबार नहीं बार – बार लगातार हर दिन ऐसा क्यों । जब पूछों कि क्या चाहते हैं तो बोलते हैं अपने मन से काम करो , जब मन से कुच करो तो उसे गलत बताता है फिर नयेसिरे काम कराता है। काम में बार-बार दखल ,बेवजह दखल ।

मैने इस जगह 8 साल बिताए सीखा ,काम किया पर ऐसा दौर नहीं देखा जैसा अब है ,मालिकों को कुछ भी पता नहीं चलने दिया जा रहा ,उन्हें धोखे में रखा जा रहा है ।सब अपने परिवार का मुह देखकर चुप हैं बस काम कर रहे हैं …मुझे अब कोई संकोच नहीं कहने में कि सब एच ओ डी और एच आर तक को पता है कि अंशुमान कैसा हैक्या क्या करता है किसे सपोर्ट करता है ,किसके पीछे पड़ा है ,किसके कहने में करता है ,किसके कहने पर सब को जज करता है लेकिन सब चुप हैं ,कोई मालिक तक सहीबात नहीं पुहंचाता । अंशुमान की वजह से आधे से ज्यादा लोग संस्था छोड़ गये और अब मैं भी जा रहा हूं । सारे लोग जानते हैं इस ससंथा का सबसे बड़ा दुश्मन अगरकोई है तो वो यही अंशुमान ही है ।

( उक्त इस्तीफों में हमारी तरफ से एक शब्द भी न बदला गया न ही जोड़ा गया है)

नोट – खबर के बारे में कोई अपना पक्ष रखता है तो पूरी जिम्मेदारी से उसका पक्ष भी रखा जाएगा ।

 

 

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